सरगुजा जिला भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तरी भाग में स्थित है। यह सरगुजा जिला उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा और मध्य प्रदेश राज्यों के बॉर्डर से लगा हुआ है।
पवित्र पुस्तकों "वनवास" के अनुसार भगवान राम अपने चौदह वर्ष के अवधि दौरान सरगुजा का भ्रमण किया था। महाकाव्य रामायण के संबंध में कई स्थानों पर भगवान राम, लक्ष्मन और देवी सीता के नाम पर गावों है जैसे रामगढ़, सीता भेंगरा और लक्ष्मणगढ़ हैं। कवि कालिदास जिंहोने "रामायण" लिखा के वंसज सीता – भेंगरा गुफा में पाए गये है।
यहा बहोत ज्यादा आबादी जनजातीय की शामिल हैं। इन आदिम जनजातियों में पंडो और कोरवा, जो अभी भी जंगल में रह रहे हैं, पंडो जनजातिय खुद महाकाव्य महाभारत के "पांडव" कबीले के सदस्य के रूप में विश्वास है। कोरवा जनजातियों का मानना है कि महाभारत के "कौरव" के सदस्य है।
सरगुजा जिला पर्यटन के लिए बहोत ही प्रसिद्ध है। यहा पर्यटन के लिए दीपाडीह सामरी, देवगढ़, रामगढ़ पहाड़, कैलाश गुफाएं, शिवापुर शिव मंदिर, बौद्ध मंदिर इत्यादि है।
•देवगढ़: देवगढ़ अंबिकापुर तहसील के एक गांव, जो शांत और प्राकृतिक सुंदरता के बीच रिहंद नदी के तट पर स्थित है। अंबिकापुर से इसकी दूरी 40 किलोमीटर की है। दक्षिण की ओर इस जगह भी देवरिया भी कहा जाता है।
•रामगढ़ पर्वत: यह जिले की एक उच्च चोटी वाला पहाड़ है। जो बहोत ही सुंदर है।
•कैलाश गुफाएं: कैलाश गुफा को रामेश्वर गहिरा गुरुजी द्वारा बनाया गया था। प्रभु शिव - पार्वती और भी अलग भगवान देवी के मंदिर के मंदिर गुफाओं में है। महाशिवरात्रि के अवसर पर भारी त्योहार यहां आयोजित होता है।
•शिवापुर शिव मंदिर: गांव शिवापुर, अंबिकापुर से 45 कि.मी. दूर और प्रतापपुर से 4 किलोमीटर की दूरी पर है। यहा के प्राकृतिक वातावरण में प्राचीन शिव मंदिर स्थित है।