Menu
Chhattisgarh Darshan Logo

Chhattisgarh Darshan

All About Chhattisgarh...
Cgtotal.pald.in one of the network they provide all the information related chhattisgarh Download Hindi Unicode
User: Login

Deorani Jethani Temple Bilaspur/देवरानी-जेठानी मंदिर बिलासपुर

रायपुर से बिलासपुर राजमार्ग पर ८५ किलोमीटर दूर है ग्राम ताला। यहां अनूठी और अद्भुत मूर्तियां मिली है। शैव संस्कृति के २ मंदिर देवरानी-जेठानी के नाम से विखयात है। यहां ढाई मीटर ऊंची और १ मीटर चौड़ी जीव-जंतुओं की मुखातियों से बने अंग-प्रत्यंगों वाली प्रतिमा मिली है,जिसे रूद्र शिव का नाम दिया गया है। महाकाल रूद्र शिव की प्रतिमा भारतीय कला में अपने ढंग की एकमात्र ज्ञात प्रतिमा है। कुछ विद्वान धारित बारह राशियों के आकार पर इसका नाम कालपुरूष भी मानते हैं।महाकाल रूद्रशिव की प्रतिमा भारी भरकम है। २.५४ मीटर ऊंची और १ मीटर चौडी प्रतिमा के अंग-प्रत्यंग अलग-अलग जीव-जंतुओं की मुखाकृतियों से बने हैं, इस कारण प्रतिमा में रौद्र भाव साफ नजर आता है। प्रतिमा संपादस्थानक मुद्रा में है।
इस महाकाय प्रतिमा के रूपांकन में गिरगिट,मछली,केकड़ा,मयूर,कछुआ,सिंह और मानव मुखों की मौलिक रूपाति का अद्भूत संयोजन है। मूर्ति के सिर पर मंडलाकार चक्रों में लिपटे २ नाग पगडी के समान नजर आते हैं। नाक नीचे की ओर मुंह किए हुए गिरगिट से बनी है। गिरगिट के पिछले २ पैरों ने भौहों का आकार लिया है। अगले २ पैरों ने नासिका रंध्र की गोलाई बनाई है। गिरगिट का सिर नाक का अगला हिस्सा है। बडे आकार के मेंढक के खुले मुख से नेत्रपटल और बडे अण्डे से गोलक बने हैं। छोटे आकार की मछलियों से मुछें और निचला होंठ बना है। कान की जगह बैठे हुए मयूर स्थापित हैं। कंधा मगर के मुंह से बना है। भुजाएं हाथी के सूंड के समान हैं,हाथों की उंगलियों सांप के मुंह के आकार की है,दोनों वक्ष और उदर पर मानव मुखातियां बनी है। कछुए के पिछले हिस्से कटी और मुंह से शिश्न बना है। उससे जुडे अगले दोनों पैरों से अण्डकोष बने हैं और उन पर घंटी के समान लटकते जोंक बनी है। दोनों जंघाओं पर हाथ जोडे विद्याधर और कमर के दोनों हिस्से में एक-एक गंधर्व की मुखाति बनी है। दोनों घुटनों पर सिंह की मुखाति है,मोटे-मोटे पैर हाथी के अगले पैर के समान है। प्रतिमा के दोनों कंधों के ऊपर २ महानाग रक्षक की तरह फन फैलाए नजर आते हैं। प्रतिमा के दाएं हाथ में मोटे दंड का खंडित भाग बचा हुआ है। प्रतिमा के आभूषणों में हार,वक्षबंध,कंकण और कटिबंध नाग के कण्डलित भाग से अलंकृत है। सामान्य रूप से इस प्रतिमा में शैव मत, तंत्र और योग के सिद्धांतों का प्रभाव और समन्वय दिखाई पडता है।
पर्यटन विकास में सरकारी योगदान - बिलासपुर जिले में पर्यटन की दृष्टि से देखे तो सर्वप्रथम ताला पर ध्यान जाता है। रूद्र शिव प्रतिमा,देवरानी जेठानी मंदिर के इस प्रसिध्द पुरातात्विक स्थल के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं को सरकार द्वारा मंजूर दी गई है । सड़क पेयजल एवं छाया दार स्थलों का निर्माण, आसपास के स्थल पर आकर्षक उद्यान,फव्वारे,समीप ही बहने वाली मनियारी नदी पर एनीकट बनाकर पानी को रोकने और उसमें नौकायन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सिंचाई विभाग द्वारा ३० लाख की लागत से उद्यान तथा एक करोड की लागत से मनियारी नदी के दोनों ओर १५०-१५० मीटर घाट निर्माण हेतु एक करोड व्यय किये गये है। तथा ११७ लाख की लागत से मनियारी नदी पर ताला एनीकट बनाया गया। आसपास के मंदिरों के जीर्णोद्वार के कार्य किये गये है। ताला पहुंच मार्ग के दोनों ओर वृक्षारोपण कर हरियाली लाने का प्रयास किया गया है। ताला से कुछ दूरी पर प्रसिध्द ऐतिहासिक स्थल मदकुद्वीप स्थित है। जहां प्रतिवर्ष मसीही मेला का आयोजन किया जाता है। द्वीप तीन ओर से शिवनाथ नदी और मनियारी नदी के संगम से घिरा हुआ है। वन विभाग द्वारा द्वीप में स्थित प्राचीनतम शिव मंदिरों का जीर्णोद्वार कराया गया है। विश्राम गृह का निर्माण तथा हरियाली के लिए वृक्षारोपण किये गये है। द्वीप के चारों ओर एक करोड की लागत से पीचिंग कर नदी के कटाव को रोका गया। द्वीप के समीप शिवनाथ नदी पर १५ करोड की लागत से एनीकट का निर्माण प्रगति पर है। साथ ही नदी के दोनों ओर ५०-५० मीटर तक घाट निर्माण किया गया है।
How To Reach
कैसे पहुचे देवरानी-जेठानी जो की छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले मे स्थित है वह जाने के लिए सबसे अच्छा साधन है ट्रेन, बस, और फिर खुद की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था —
अगर आप बस से यात्रा करना चाहते है तो यह जगह रायपुर बिलासपुर मार्ग पर ८५ कि॰ मि॰ कि दूरी पर ताला ग्राम पर स्थित है।
और अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते है तो निकटतम रेल्वे स्टेशन है बिलासपुर, और बिलासपुर से ८५ किलोमीटर की दूरी पर ताला ग्राम पर स्थित है।
और निकटतम हवाई अड्डा है रायपुर।