रायपुर जिले का पर्यटन स्थल (Tourism)
रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी है जो छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा जिला है।
यहा पर्यटन के अच्छे-अच्छे स्थान है तथा यह पहुचना बहोत ही सुविधाजनक क्यो की यहा रेल्वे, हवाई और बस की सुविधा अच्छी है।
तथा यहा पर्यटक के रुकने के लिए बड़े-बड़े होटल भी है जिससे पर्यटको कोई असुविधा नहीं होती।
यहा पर्यटक के लिये
राजीवलोचन मंदिर(राजिम), चंपारण, और गिरौधपुरी सतनामी समाज धार्मिक स्थान
है।
गिरौधपुरी
गिरौधपुरी
सतनामी समाज का धार्मिक स्थान है जहा संत गुरु घासीदास बाबा पुज्यनी है।
गिरौधपुरी गुरु घासीदास बाबा का जन्म स्थान है।
गुरू घासीदास बाबा एकसंत थे जिन्होंने अपने समय की सामाजिक आर्थिक विषमता, शोषण तथा जातिभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसके लिए संघर्ष आज भी जारी है. उन्होंने सतनाम पंथ का प्रवर्तन किया, जिसे मानने वाले अनुयायियों की संख्या छत्तीसगढ़ और भारत के विभिन्न हिस्सों में लाखों लोग हैं.
गुरू घासीदास बाबा का जन्म १७५६ मे गिरौदपुरी में एक दलित परिवार में हुआ.
उनकी जयंती हर साल पूरे छत्तीसगढ़ में
१८ दिसम्बर को मनाया जाता है. और उनके जन्म दिन के अवसर पर यहा भब्या मेले का आयोजन भी किया जाता है।
सतगुरु घासीदास जी की सात शिक्षाएँ हैं-
- सत्य एवं अहिंसा
- धैर्य
- लगन
- करूणा
- कर्म
- सरलता
- व्यवहार
गिरौधपुरी मे एक भब्या
जै स्तम्भ का निर्माण भी चल रहा है जो लगभग पूरा हो गया है जिसके उचाई ७२ मी॰ है जो कुतुममीनार से भी ऊची है और यहा लिफ्ट भी लगा हुआ है।
रजीवलोचन मंदिर जो रायपुर जिले के राजिम मे स्थित है जो रायपुर से केवल आधे घंटे का रास्ता है।
यह महानदी के तट पर बसा है, तथा रजीवलोचन मंदिर का संबंध भगवान विष्णु से है।
तथा यहा प्रत्येक वर्ष मेला का भी आयोजन होता है।