रायपुर/जगदलपुर. पुलिस के चौतरफा दबाव के बीच नक्सलियों ने सोमवार शाम दंतेवाड़ा जिले में राज्य पुलिस के हेलिकॉप्टर को गिराने की कोशिश की। लाइट मशीनगन जैसे भारी हथियारों से किए गए हमले में हेलिकॉप्टर बाल-बाल बचा। गोली हेलिकॉप्टर की टेल को भेदती हुई पार निकल गई। अगर गोली कुछ इंच दूर चॉपर के मुख्य रोटर (पंखे) या फ्यूल टैंक को लग जाती, तो वह क्रैश हो जाता। पुलिस के आला अधिकारी इस संबंध में चुप्पी साधे हुए हैं। एक साल के अंदर वायुसेना और राज्य पुलिस के हेलिकॉप्टरों पर यह तीसरा नक्सली हमला है।
दंतेवाड़ा और बीजापुर इलाके में पिछले एक महीने से पुलिस और सीआरपीएफ लगातार ऑपरेशन चला रही है। सोमवार को भी इसी तरह के एक अभियान में बेल कंपनी के इस हेलिकॉप्टर को भेजा गया था। बीजापुर के पामेड़ और भद्रकाली इलाकों से लौटते वक्त हमला हुआ। माना जा रहा है कि नक्सली लौटते वक्त चॉपर को निशाना बनाने की योजना पहले से तैयार करके बैठे थे। शाम सवा पांच बजे के आसपास हेलिकॉप्टर बीजापुर से जगदलपुर के लिए निकला। बीच की दो से ज्यादा पहाड़ियों पर एलएमजी और अन्य ज्यादा रेंज के हथियारों के साथ बैठे नक्सलियों ने उस पर फायरिंग शुरू कर दी। हेलिकॉप्टर चला रहे पायलट को हल्का झटका लगा, पर वह भांप नहीं पाया कि वास्तव में हुआ क्या। जगदलपुर लौट कर जब टीम ने जांच की, तो उनके पसीने छूट गए।
पुलिस के आला अफसरों ने माना कि अगर गोली कुछ इंच भी आगे-पीछे लगती, तो बड़ा हादसा हो जाता। हेलिकॉप्टर को ग्राउंड कर दिया गया है। पूरी मरम्मत और जांच के बाद ही इसे दोबारा उड़ाया जाएगा।
पांच सालों से कर रहे कोशिश
नक्सली पिछले पांच सालों से अपने खिलाफ अभियान में इस्तेमाल हो रहे पुलिस और वायुसेना के हेलिकॉप्टरों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले तीन सालों में वे चार बार हमले कर चुके हैं। वायुसेना को नक्सली ऑपरेशन में लगाए जाने के काफी पहले नक्सलियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। नक्सलियों की मिलिटरी विंग के नेता तिप्परति तिरुपति उर्फ देवजी ने गुरिल्ला एयर डिफेंस नाम की एक पूरी किताब तैयार की है। नक्सलियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में प्रयोग की जा रही इस किताब में स्केच और उदाहरणों के साथ बताया गया है कि हवा में उड़ते, टेक ऑफ या लैंडिंग करते हेलिकॉप्टर को कैसे निशाना बनाया जाए। उल्लेखनीय है कि नक्सलियों ने नवंबर 2008 में चुनाव ड्यूटी पर लगे वायुसेना के हेलिकॉप्टर पर गोलियां चलाईं थी। इसमें चॉपर में बैठे फ्लाइट इंजीनियर की मौत हो गई थी।