कोरबा. सोमवार की शाम 6 बजे सिस्टम में जर्क आने के कारण छतीसगढ़ राज्य पावर जनरेशन कंपनी के दो विद्युत संयंत्रों की 7 इकाइयां ठप पड़ गई। इससे कोरबा जिले में ब्लैक आउट होने के साथ ही एसईसीएल की कोयला खदानों में काम ठप पड़ गया है।
छतीसगढ़ राज्य पावर जनरेशन कंपनी के 440 मेगावाट वाले कोरबा-पूर्व पावर प्लांट में एकाएक जर्क आया। इसके कारण उसकी सभी छ: इकाइयां बंद हो गईं। कोरबा-पूर्व संयंत्र से राज्य डीएसपीएम पावर प्लांट से जुड़ा है। यहां भी जर्क आया और इसकी दो नंबर की इकाई भी बंद हो गई।
इन पावर प्लांटों से बिजली कोरबा-पूर्व स्थित स्विच यार्ड जाती है जहां से डिस्ट्रीब्यूशन की लाइन जुड़ी है। जर्क के कारण कोरबा के अलावा अंबिकापुर जाने वाली लाइन पर भी असर पड़ा। हालांकि अंबिकापुर में बिजली पौन घंटे बाद शुरू कर दी गई। इससे पूरे कोरबा जिले में बिजली गुल हो गई। एनटीपीसी व बालको की कालोनी और संयंत्र में उनके अपने विद्युत संयंत्र से बिजली आपूर्ति होती है, जो जारी रही। एसईसीएल के गेवरा, दीपका, कोरबा, कुसमुंडा क्षेत्र की सभी खदानों की बिजली बंद हो जाने से वहां काम ठप है।
प्रदेश में संकट
छतीसगढ़ पावर जनरेशन कंपनी के संयंत्र में आई इस खराबी से प्रदेश में बिजली संकट गहरा गया। एक अधिकारी के अनुसार सोमवार की शाम बिजली की मांग 2470 मेगावाट थी जबकि बिजली की उपलब्धता 1820 मेगावाट ही थी। इस वजह से 600 मेगावाट से अधिक बिजली सिस्टम ओवरड्राल की जा रही थी।
राज्य पावर कंपनी के बिजली संयंत्रों की क्षमता 1900 मेगावाट है जिसके समक्ष केवल 870 मेगावाट बिजली ही बन रही थी। हसदेव ताप विद्युत संयंत्र की 210 मेगावाट की एक इकाई वाषिर्क रखरखाव में पहले से बंद है। वहीं बांगो जल विद्युत संयंत्र की तीनों इकाइयां भी बंद थी जिन्हें शुरू करने की तैयारी की जा रही थी।
मरम्मत कार्य विफल
सोमवार रात आठ बजे बांगो जल विद्युत संयंत्र से कोरबा में बिजली की व्यवस्था की गई। कोरबा ईस्ट प्लांट की तीन यूनिट और डीएसपीएम प्लांट की बंद हुई एक यूनिट रात दस बजे तक शुरू कर ली गई थी, लेकिन रात 11 बजे फिर जर्क लगने से कोरबा ईस्ट प्लांट पूरी तरह से ठप पड़ गया।
बिजली बंद होने के कारण खुली खदानों में काम ठप हुआ है। भूमिगत खदानों में जल भराव बढ़ रहा है, इसके लिए हम आपात उपाय करने में जुटे हैं।
जेडएच खान,एसईसीएल कोरबा के जीएम
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