रायपुर। उरला की एक वनस्पति बनाने वाली तेल कंपनी का उद्योगपति 65 लाख रुपए का क्रूड ऑयल डकार गया। उसने लाखों का तेल रिफाइन करने का सौदा किया था, लेकिन वह इसे लौटाने की बजाय सौदे से ही मुकर गया। कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
विशेष अनुसंधान सेल के प्रभारी एएसपी आईएच खान ने बताया कि मनोरमा इंडस्ट्रीज के दीप सराफ को साल बीज के तेल को रिफाइन करवाना था। यह कंपनी विदेश व्यापार के तहत लाइसेंस्ड है। इसने उरला की पारस वनस्पति के साथ सौदा किया। कंपनी के सात आरोपी डायरेक्टरों अरविंद संगोई, दिलीप संगोई, विजय संगोई, शांतिलाल दामजी संगोई, पारस संगोई, हेमेंद्र संगोई और भाविन अरविंद संगोई हैं। मनोरमा इंडस्ट्रीज की ओर से पारस वनस्पति को 159.60 मीट्रिक टन क्रूड ऑयल रिफाइन करने के लिए दिया गया। जब इसे रिफाइन कर लौटाने की बारी आई, तो पारस वनस्पति वाले मुकर गए। उन्होंने तेल वापस नहीं लौटाया। बदले में मनोरमा इंडस्ट्रीज के मालिक दीप सराफ ने सौदे के समय दिए गए चेक को भुनाने के लिए बैंक में लगाया, तो आरोपियों ने बैंक में इसे कैश करने से मना कर दिया। बाद में बात ठगी तक बढ़ गई।
दीप ने कुछ दिनों बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने कोर्ट में इस बारे में एक परिवाद भी लगाया। इस आधार पर विजय ने हाईकोर्ट में परिवाद के विरुद्ध आवेदन किया। हाईकोर्ट ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। बाद में कोर्ट ने पारस वनस्पति के सभी डायरेक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पंडरी थाने के जरिए विशेष अनुसंधान सेल ने धारा 409, 415, 418, 420, 464, 465, 467, 468, 471, 120बी, 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर मंगलवार की सुबह आरोपी विजय को गिरफ्तार कर लिया।
दोपहर बाद आरोपी विजय को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। टीआई अशोक जोशी ने बताया कि पारस वनस्पति के बाकी छह आरोपी डायरेक्टर फरार हैं। पुलिस ने उनकी तलाश में एक टीम लगा रखी है।
|