रायपुर. निजी स्कूलों में वसूली जा रही मनमानी फीस पर नोटिस मिलने से हड़बड़ाए प्रबंधकों को शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी राहत नहीं दी। उन्होंने स्कूल प्रबंधकों से स्पष्ट कहा कि फीस का ब्योरा देना होगा। उन्हें स्कूल प्रबंधकों को शिक्षा विभाग की नोटिस का जवाब देना होगा।
दर्जनों निजी स्कूल के संचालक शिक्षामंत्री से गुजारिश करने पहुंचे थे कि उन्हें फीस का ब्योरा देने के लिए नोटिस न दी जाए। स्कूल प्रबंधन फीस का आय-व्यय का ब्योरा देने के लिए इस शिक्षा सत्र की मोहलत मांग रहे थे। नोटिस के विरोध में छोटे ही नहीं, बल्कि बड़े स्कूलों के संचालक भी खुलकर सामने आ गए हैं।
नोटिस निरस्त करने की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री से मिलने जाने वालों में ज्ञान गंगा, एनएच गोयल, होलीक्रास पेंशन बाड़ा, होलीक्रास कांपा, डीपीएस , बालाजी, भारत माता सहित अन्य बड़ी स्कूलों के प्रतिनिधि शामिल थे। इनका कहना था कि स्कूलों को परेशान करना बंद नहीं किया गया तो स्कूल बंद करने के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं रह जाएगा।
नियम विरुद्ध है नोटिस
स्कूल संचालकों ने बताया कि अवैध वसूली को लेकर जिन निजी स्कूलों को पत्र जारी किया गया है, वह छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग की जारी अधिसूचना दिनांक 15 नवंबर 2010 एवं दिनांक 23 अगस्त 2011 के नियमों के विरुद्ध है। इस वजह से यह नोटिस निरस्त होना चाहिए। संचालकों ने बताया किस मद में पैसा लेना है और किस मद में पैसा नहीं इसकी जानकारी ही उन्हें नहीं दी गई। शिक्षा का अधिकार कानून एक से आठवीं तक के बच्चों के लिए है। इन्होंने स्कूलों से एक से 12वीं तक की जानकारी ली। इसके आधार पर आय-व्यय का ब्यौरा निकालकर नोटिस दिया गया, यह सरासर गलत है।
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