कांकेर. तीन वर्ष पूर्व दिवाली की रौशन रात में एक परिवार में अंधेरा बिखरने वाले हार्डकोर नक्सली रैनुराम मंडावी उर्फ श्रीनिवास समेत चार नक्सलियों को गुरुवार को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। चारों नक्सलियों के खिलाफ भानुप्रतापपुर थाने में हत्या के मामले दर्ज थे। आज होने वाले फैसले के मामले में हार्डकोर नक्सलियों के शामिल होने के मद्देनजर पुलिस ने सुनवाई के दौरान न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे। भानुप्रतापपुर थानांतर्गत ग्राम नेड़गांव में तीन वर्ष पूर्व 3 अक्टूबर 2009 की रात नक्सलियों ने घर में भोजन कर रहे ग्रामीण खेलूराम दरे 22 वर्ष पिता बजरू राम निवासी नेड़गांव को पुलिस मुखबिर होने के शक में हत्या करने की नियत से अगवा कर लिया था। सुबह गांव के बाहर एक खेत में खेलूराम का शव पाया गया था। नक्सलियों ने धारदार हथियार से खेलूराम की गला रेत कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने मामले में हथियारबंद वर्दीधारी नक्सलियों के खिलाफ धारा 147,148, 149, 364, 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। मामले में पुलिस ने हार्डकोर ईनामी नक्सली मैनपुर डिवीजन का सदस्य तथा नगरी सिहावा एरिया कमेटी का सचिव रैनुराम मंडावी पिता राजमन टोंगला निवासी तोड़पल्ली आदिलाबाद आंध्रप्रदेश के अलावा गोबरा एलजीएस का डिप्टी कमांडर मधु लिंगो मरकाम 22 वर्ष पिता कोया निवासी पल्लेवाया भैरमगढ़ बीजापुर, सनीराम पुड़ो 32 वर्ष पिता दशरू निवासी नागहूर थाना चौकी कच्चे तथा धनेश बोगा 26 वर्ष पिता सुंदर निवासी रसोली चौकी कच्चे को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मामला न्यायालय में पेश कर दिया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश महादेव कातुलकर ने गवाहों के बयान तथा प्रस्तुत सबूतों के आधार पर चारों नक्सलियों को धारा 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास तथा पांच सौ रुपए अर्थदंड, 364 के तहत 10 वर्ष की सजा तथा पांच सौ रुपए अर्थदंड, 147 के तहत एक वर्ष तथा धारा 148 के तहत दो वर्ष की सजा सुनाई।
सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। शासन की ओर शासकीय अधिवक्ता संदीप श्रीवास्तव ने पैरवी की। गिरफ्तारी के बाद से रैनुराम तथा मधु लिंगो जगदलपुर जेल में बंद है। इसके अलावा शनिराम तथा धनेश कांकेर जेल में बंद है। रैनुराम तथा मधु को न्यायालय तक लाने तथा ले जाने के अलावा सुनवाई के दौरान भी न्यायालय परिसर में पुलिस ने कड़े सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए थे। हाटकर्रा में पकड़ाया था हार्डकोर रैनु घटना के 4 माह बाद 28 जनवरी 2010 को हार्डकोर नक्सली रैनुराम मंडावी को कोरर थानांतर्गत हाटकर्रा तथा बनोली के बीच नदी के किनारे से पकड़ा था। रैनु के कब्जे से एक देशी मेड 6 राउंड कट्टा तथा विस्फोटक पदार्थ भी बरामद किया गया था। रैनु मैनपुर डिवीजन का सदस्य तथा नगरी सिहावा एरिया कमेटी का सचिव है। उस दौरान वह नक्सली दलम गोबरा एलजीएस तथा सीता नदी एलओएस का नेतृत्व कर रहा था। 25 दिन बाद 28 अक्टूबर को भानुप्रतापपुर एक गांव से नक्सली शनिराम पुड़ो तथा धनेश बोगा को गिरफ्तार किया गया था। नक्सली मधु लिंगो को एटेबाल्का से गिरफ्तार किया गया था। हार्डकोर को पकड़ने में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अजय यादव की महत्वपूर्ण भूमिका थी। 2004 से प्रदेश में वारदातों को दे रहा था अंजाम
मूलत: आंध्रप्रदेश निवासी रैनुर का असली नाम श्रीनिवास टोंगला है। वह छत्तीसगढ़ में रैनुराम मंडावी के नाम से रह रहा था। सन 2001 में वह नक्सली दलम में भर्ती हुआ था। 2004 से वह छत्तीसगढ़ के बस्तर तथा कांकेर जिले में घटनाओं को अंजाम दे रहा था।
रैनू ने रिसगांव, निराम हत्याकांड मैनपुर, कोसरोंडा, छिंदखड़क आदी में क्षेत्रों में घटी घटनाओं में सक्रिय भूमिका निभाई थी। आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा रैनूराम पर 2 तथा छत्तीसगढ़ पुलिस ने 1.5 लाख का ईनाम घोषित किया था। भानुप्रतापपुर के अलावा रैनूराम के खिलाफ कांकेर, दुर्गूकोंदल, रावघाट, मैनपूर तथा सिहावा थाना अंतर्गत 6 हत्याओं के मामले दर्ज है। इसके अतिरिक्त अन्य थानों में लूट, डके ती, आगजनी तथा पुलिस पार्टी पर हमले के मामले भी दर्ज है। कांकेर जिला पुलिस ने रैनु के खिलाफ तीन लाख रुपए का ईनाम घोषित कर रखा था।
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