रायपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश के 12 लाख 35 हजार किसानों का सम्मुनत कृषि सिंचाई कर माफ करने का फैसला किया है। इससे राज्य सरकार पर हर साल लगभग 48 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ आएगा। किसानों से 140 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से कर लिया जाता था।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के अनुसार पंचायत व समाज कल्याण विभाग के संचालनालय अलग-अलग कर दिए गए हैं। ऐसा पंचायती राज व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए किया गया है। मध्यप्रदेश के समय से ही दोनों विभाग के संचालनालय साथ हैं। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि पहले पंचायत सेक्टर में योजनाएं कम और समाज की योजनाएं अधिक थीं। इसलिए संचालनालय व फील्ड स्टाफ पर पूरा नियंत्रण समाज कल्याण विभाग का था। अब संविधान के 73 वें संशोधन के बाद प्रदेश में पंचायती राज अधिनियम 1993 लागू है।
पंचायत सेक्टर की गतिविधियां बढ़ गई हैं। प्रदेश में अभी 18 जिला पंचायतें, 146 जनपद पंचायतें और 9734 ग्राम पंचायतें हैं। इसलिए अलग से पंचायत संचालनालय बनाया जा रहा है। इससे योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से हो सकेगा। संचालनालय अलग से होने से त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए अनुदान, सचिवीय व्यवस्था, ग्राम पंचायतों के आडिट, बजट पर नियंत्रण आसानी से किया जा सकेगा। 1 लाख 59 हजार पंचायत पदाधिकारियों की सुविधाओं, मानदेय ट्रेनिंग आदि का इंतजाम आसानी हो सकेगा। करीब डेढ़ लाख पंचायती शिक्षकों की सेवा शर्तो, वेतन भत्तों, स्थानांतरण, नियुक्ति, पदोन्नति व अंशदायी पेंशन की व्यवस्था करने में सुविधा होगी।
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